सहरसा जिले में खाकी पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठे हैं। सौरबाजार थाना क्षेत्र में पुलिस कस्टडी से छूटने के कुछ दिनों बाद एक कबाड़ी व्यवसायी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि सौरबाजार पुलिस ने थाने में उनकी बेरहमी से पिटाई की, जिसके कारण उनकी जान गई। हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है।
मृतक की पहचान सौरबाजार थाना क्षेत्र के हनुमान नगर चकला निवासी 45 वर्षीय मनोज कुमार साह के रूप में हुई है। मृतक की पत्नी रंभा देवी ने बताया कि 27 नवंबर की शाम करीब पांच बजे सौरबाजार पुलिस ने उनके पति को पकड़कर थाने ले गई थी। उनके अनुसार, थाने में मनोज कुमार साह की बेरहमी से पिटाई की गई और 28 नवंबर की शाम को छोड़ा गया। पत्नी ने कहा कि घर लौटने के बाद 29 नवंबर की सुबह उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। पहले सदर अस्पताल में इलाज कराया गया, जहां थोड़ा सुधार होने पर घर ले आए। लेकिन 2 दिसंबर को उनकी हालत अचानक खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें शहर के एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया, जहां बुधवार को उनकी मौत हो गई।
सौरबाजार थानाध्यक्ष अजय कुमार पासवान ने मामले पर कहा कि इलाके में 15 दिन पहले बिजली विभाग के तार की चोरी हुई थी। इस मामले में पकड़े गए एक चोर ने खुलासा किया था कि उसने चोरी का तार मनोज साह के कबाड़ी खाने में बेचा था। थानाध्यक्ष ने बताया कि मनोज साह ने चोरी का तार खरीदने की बात स्वीकार की थी, लेकिन तार बरामद न होने के कारण पुलिस ने उन्हें थाने से ही जमानत पर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस पर लगाए जा रहे पिटाई के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं।
निजी क्लीनिक के डॉक्टर ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि मरीज को इलाज के लिए भर्ती किया गया था, लेकिन मौत की स्पष्ट वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगी।