सहरसा जिले में स्थित भद्दी गांव का स्वास्थ्य उपकेंद्र पिछले एक दशक से बंद पड़ा है। यह उपकेंद्र सोनवर्षा राज विधानसभा क्षेत्र के पतरघट प्रखंड के जम्हरा पंचायत में स्थित है।स्थानीय लोगों के अनुसार, उपकेंद्र बनने के बाद केवल दो-चार महीने ही चला। इसके बाद से यह पूरी तरह बंद है। इलाज के लिए ग्रामीणों को 7 किलोमीटर दूर पतरघट जाना पड़ता है। इससे आक्रोशित होकर गुरुवार को दर्जनों ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया।
उपकेंद्र की स्थिति बेहद खराब है। पिछले 10-12 वर्षों से यहां न तो कोई चिकित्सक आता है और न ही स्टाफ। भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है। लोग इसमें घास-भूसा और मक्का रखते हैं। सफाई न होने से आसपास झाड़ियां उग आई हैं। बरसात में जहरीले सांप-बिच्छुओं का खतरा बना रहता है।
जम्हरा समिति सदस्य मन्नु कुमार पासवान ने बताया कि कई बार अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस मामले में जब पतरघट प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बबीता कुमारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उपचार के लिए उन्हें या तो पतरघट अस्पताल जाना पड़ता है या फिर निजी चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ता है। इससे उनका आर्थिक शोषण हो रहा है।
मौके पर में अमरेश कुमार, सत्य नारायण साह,प्रमिला देवी, सुमित्रा देवी, रंजन देवी,सौरभ कुमार ,बाबुल कुमार,मुन्ना कुमार ,संतोष कुमार,रमेश कुमार, गुड्डू कुमार, किशोर कुमार, संजीव कुमार सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहें।