खग्रास चंद्र ग्रहण का मतलब है कि जिसमें चंद्रमा का कुछ ही हिस्सा ग्रसित हुआ दिखाई देता है। ऐसे ग्रहण को खग्रास चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
2025 की इस साल का पहला चंद्र ग्रहण जल्द ही लगने जा रहा है। धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से ग्रहण के विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण जब भी लगता है तो उससे पहले सूतक लग जाता है। आइए जानते हैं इस साल का पहला चंद्र ग्रहण की तारीख, नियम और कहां-कहां दिखाई देगा। साथ ही जानें क्या भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा। *क्या भारत में दिखाई देगा साल* का पहला चंद्रग्रहण ?
भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका (कनाडा, अमरीका), दक्षिणी अमेरिका में इस ग्रहण की खग्रास आकृति देखी जा सकेगी अर्थात् यह ग्रहण आरम्भ से समाप्ति तक देखा जा सकेगा। यूरोप के अधिकतर देशों (ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैण्ड, पुर्तगाल, स्पेन आदि), पूर्वी दक्षिणी अमेरिका तथा अधिकतर पश्चिम अफ्रीका में यह ग्रहण खण्डग्रास रूप में चन्द्रास्त के समय दिखाई देगा। जबकि अधिकतर ऑस्ट्रेलिया (मेलबर्न, सिडनी आदि), पूर्वी एशिया (जापान, दक्षिण कोरिया), फिजी आदि में यह ग्रहण खंडग्रास रूप में चंद्रोदय के समय देखा जा सकेगा। (अर्थात ग्रस्तोदय रूप में) हालैण्ड, नौर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, उत्तरी रूस, स्पेन सूरीनाम, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूक्रेन, अमेरिका के पूर्वी क्षेत्रों (न्यूयॉर्क आदि), तथा इंग्लैण्ड आदि में इस ग्रहण की खण्डग्रास आकृति दिखाई देगी