KHAGARIA:39 वर्षों बाद विंध्याचल (यू पी) के गुरु अलख करेंगे अष्टादश भुजेश्वरी मां दुर्गा मन्दिर में नवरात्रि पूजा - Bihar City News

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Friday, October 13, 2023

KHAGARIA:39 वर्षों बाद विंध्याचल (यू पी) के गुरु अलख करेंगे अष्टादश भुजेश्वरी मां दुर्गा मन्दिर में नवरात्रि पूजा

39 वर्षों बाद विंध्याचल (यू पी) के गुरु अलख करेंगे अष्टादश भुजेश्वरी मां दुर्गा मन्दिर में नवरात्रि पूजा

गुरु अलख आश्रम में भक्तजनों का लगा रहता है तांता 

ANA/Arvind Verma 

खगड़िया (बिहार)। श्री श्री 108 दिनेश बाबा (गुरु अलख) अघोर राजतंत्र के संस्थापक जो इन दिनों मिर्जापुर (यू पी) जनपद के विंध्याचल स्थित कर्मयोगी सेवा आश्रम अष्टभुजी सिद्ध पीठ सिंह अखाड़ा के संस्थापक गुरु अलख ने समाहरणालय भवन के सामने स्थित अष्टादाश भुजेश्वरी दुर्गा मंदिर परिसर में एक विशेष भेंट में मीडिया से आपबीती सुनाते हुए कहा सन 1972 ईo को गुरु माई की अग्नि रुपी मुंह में भोजन स्वरूप हवन करने के उद्देश्य से तीन धुना में एक वैदिक, दूसरा तांत्रिक एवं तीसरा मसानी विधि से स्थापना मैंने (दिनेश बाबा गुरु अलख) ने खगड़िया में की थी। वर्ष 1984  ईo को यहां से विंध्याचल, मिर्जापुर उत्तर प्रदेश साधना करने चले गए। राम गया श्मशान में लगभग दो ढाई वर्ष रहे। विंध्याचल अष्टभुजी स्थित श्रापित हवेली जहां अष्टभुजी माई बेटी के रुप में विराजमान थी। यह हवेली द्वापर युग के पीतांबर झा बहुत बड़े साधक की थी। उन्होंने तप तपस्या से माई साक्षात कर लिया। आगे बाबा अलख ने कहा कालांतर में उन्होंने पॉवर आने के बाद माई से अनिष्ट कार्य कराने लगे। इससे कुपित होकर माई ने इस हवेली को श्रापित कर दिया और उनके सारे परिवार का नाश हो गया। हवेली वर्षों यूं ही पड़ा रहा लेकिन हवेली का कोई एक ईंट तक नहीं ले जा सका। श्मशान राम गया में ही लाश जलाने वाले समुदाय मेरे सामने चैलेंज किया कि असल माई के लाल हैं तो उस हवेली में रह कर दिखावें। माई के आशीर्वाद से मैं ने चैलेंज स्वीकार किया और 1987 ईo में अकेले हवेली में प्रवेश किया और तीनों धुना को चेतन किया, मसानी धुना को चिता की अग्नि से प्रज्वलित किया। खगड़िया के शिष्य लोगों ने मेरे परिवार को विंध्याचल हवेली में मेरे पास पहुंचाया। और तब से लगातार वहीं (विंध्याचल) में ही रह रहा हूं। 39 वर्षों के बाद इस बार समाहरणालय के निकटस्थ अष्टादश भुजेश्वरी मां दुर्गा मंदिर में रहकर ही नवरात्रि पूजा करुंगा और भक्तजनों को आशीर्वचन दूंगा।