पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में अफसर राज कायम हो गया है और यहां जनप्रतिनिधियों का कोई सम्मान नहीं है। ऐसा तो चंगेज खान और नेपोलियन के समय भी नहीं था। उन्होंने कहा भ्रष्टाचार चरम पर है। सांसद ने जदयू के कार्यकर्ता सम्मेलन का नाम लिए बगैर विकास कार्यों की चर्चा करने वाले नेताओं की जमकर खींचाई की और कहा कि विकास के नाम का जो ढिंढोरा पीटा आ रहा है वह ढपोरशंखी बातें हैं। उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा कि अगर हिम्मत है तो भ्रष्टाचार मिटा कर दिखा दें यह मेरी चुनौती है। अगर बिहार सरकार को हिम्मत है तो विशेष राज्य का पैकेज लाकर दिखा दें। पर्यटन का विकास करवा कर दिखा दीजिए। पर्यटन के अलावा मछली, दूध, मक्का और मखाना के लिए प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित कीजिए हम आपका पर पैर धोकर पियेंगे। उन्होंने कहा कि जदयू की जब सरकार बनी भाजपा के प्रधानमंत्री बिहार आए और उन्होंने विशेष राज्य का दर्जा देने की बात कही थी। विशेष पैकेज कभी भी नहीं मिला। मृतप्राय संस्था और पुराने फैक्ट्री का पुनर्वास होने की बात थी वह नहीं हुई। सबसे कम नेशनल हाईवे बिहार में बनी है जबकि अन्य प्रदेशों में ज्यादा बनी है। दारू योजना बंद करने चले तो दारू बंद हुआ नहीं ऊपर से नई पीढ़ी स्मैक के शिकार हो गए। बिजली का बोझ ज्यादा बढ़ गया। जदयू के नेताओं ने आकर जो बात कही, उस पर सवाल करते हुए सांसद पप्पू यादव ने कहा कि जरा पीएम आवास योजना का हाल देख लीजिए। मुख्यमंत्री आवास योजना का हाल देख लीजिए। अभी तक 300 बार क्वेश्चन पेपर लीक हो चुके हैं। नौकरी के नाम पर मोटी रकम ली जाती है और क्वेश्चन का आंसर दिया जाता है। कार्यकर्ता सम्मेलन विकास की बात करने वालों के पास इन सवालों के कोई जवाब नहीं है। उन्होंने खुलकर कहा कि यह सरकार रोजगार विरोधी है। किसान विरोधी है और इसके पदाधिकारी हिटलर की तरह करते हैं।
. संवाद सूत्र/सनातन कुमार