6 जून 1981, बिहार के सहरसा-मानसी रेलखंड पर स्थित धमहरा स्टेशन के समीप हुआ था देश का सबसे बड़ा रेल हादसा।इतिहास के पन्नों का वह कला दिन जिसे याद कर आज भी दिल सिहर उठता है। आज से ठीक 42 साल पहले की उस घटना की याद आज भी सिहरन पैदा कर देती है।
छह जून 1981 को सहरसा-मानसी रेलखंड के धमारा घाट के पुल संख्या 51 पर हुई यह रेल दुर्घटना भारत की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना थी।
मालूम हो कि विश्व की सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना श्रीलंका में 2004 में हुई थी। तब सुनामी की तेज लहरों में 1700 से अधिक यात्रियों के साथ ओसियन क्वीन एक्सप्रेस विलीन हो गई थी।
बिहार के सहरसा-मानसी रेलखंड पर स्थित धमहरा स्टेशन के समीप
भारी बारिश और जलजमाव के बीच, एक पैसेंजर ट्रेन की 7 बोगियां अचानक बागमती नदी में समा गईं।
इस भयावह दुर्घटना में सैकड़ों मासूम यात्रियों की असमय मौत हो गई —
कई शव कभी मिले ही नहीं... कई कहानियाँ वहीं सदा के लिए डूब गईं।
ना किसी की पहचान हुई, ना ही कोई अंतिम संस्कार।
बस लहरों ने सब कुछ लील लिया…
यह हादसा न केवल बिहार, बल्कि पूरा देश आज भी नहीं भूल पाया है।